निम्नलिखित क्रमबद्ध सुधारों का कार्यान्वयन हेतु सभी संबंधित विभागाध्यक्षों को जारी किए गए अनुदेश

  1. परामर्शदाता के जवाबदेही के संबंधित परामर्शदाताओं के कार्यव्यस्तता के लिए प्रयुक्त संदर्भ के शर्तों में शामिल उचित खंडों और नियोक्ता सीवीसी मार्गदर्शी का संख्या 1/1/17 दि 23.1.17 के साथ अनुरूप है ।
  2. वसूली मैनुअल में यथा उल्लिखित माँगपत्र प्राधिकार/यूसर विभाग से प्राप्त सभी अपेक्षित विवरणों के बाद ही वसूली पद्धति शुरू की जानी है ।
  3. मानक प्रचालनिक प्रक्रिया (एसओपी) में स्लोप रिसेप्शन सविधाओं से स्लज की स्वच्छता विवरणरें को शामिल कररके जैसे आवर्तन जिसके साथ टैंकों से स्लोप को साफ़ किया जाना है और जिस तरीके से स्लज को कएसपीसीबी द्वारा अपने प्रचलित निचले में अधीन विनिर्दिष्ट मानकों के साथ स्लत में तैलांश का ठीक निर्धारण द्वारा या तो रिसैक्जर या इनसिनरेटर्स द्वारा निपटारा किया जाना है, बता दिया जाता है ।
  4. ई-टेंडरिंग प्रक्रिया में निविदाकर की प्रतिभागी को बढ़ावा देने केलिए, यह सुझाव दिया जाता है कि एमएसटीसी पोर्टल द्वारा ई-टेंडर में भाग लेने के लिए पालन करने की विस्तृत प्रक्रिया टेंडर दस्तावेज में शामिल किया जाय । आगे , पोर्टल में दस्तावेजों को अपलोड़ करने के लिए निविदाकारों को आवश्यक सहायता बढाया जाय । तुलनात्मक रूप से एनआईसी के सेंट्रल पब्लिक प्रॉक्यूरमेंट पोर्टल (सीपीपीपी) हसल फ्री को भी ई –टेंडरिंग में इस्तेमाल किया जा सकता है ।
  5. सीपीडब्ल्यूडी कार्य मनुअल के साथ ईएमडी की दर में संशोधन ।
  6. मूल प्राइस बिड़ के खोलने के बाद सिर्फ प्राइस बिड़ को पुनःआमंत्रित करने में पाबंदी ।
  7. निर्वहन निविदा पर विचार करने की अनुचित प्रक्रिया का पालन सिफ़ारिश न करना ।
  8. एक ही कार्य पर दोहराए खर्चों से बचने के लिए पूंजीगत गहन सुविधा विकसित करने के लिए दीर्घकालिक योजना को अपनाना ।
  9. किसी भी ओईएम (मूल उपस्कर विनिर्माता) को नामांकन आधार पर किसी सुविधा के प्रचालन और अनुरक्षण जैसे नियमित कार्य को न सौंपे ।