मंगलूर बंदरगाह परियोजना 1962 में आरंभ होकर मई 1974 में पूरा हुआ । .
31.3.1980 तक भारत सरकार ने परियोजना तथा पत्तन दोनों का केन्द्रीय रूप से प्रशासनित है ।
महा पत्तन न्यास अधिनियम 1963 के तहत् 1.4.1980 को पत्तन न्यास मंडल का गठन किया गया । तब से पत्तन ने 10वॉ महा पत्तन न्यास के रूप में कार्य कर रहा है और देश में कार्यरत अन्य महा पत्तन न्यासों के साथ अनुरूप कार्य कर रहा है ।
नव मंगलूर पत्तन न्यास, कर्नाटक के एक मात्र महा पत्तन 4 मई 1974 को 9वॉ महा पत्तन के रूप में घोषित हुआ ।
महा पत्तन न्यास अधिनियम 1963 का प्रावधानों 1.4.1980 से न म प को अनुप्रयुक्त है । उसके बाद पत्तन ने इन क्षेत्र का आर्थिक विकास और शिप्परों का आवश्यकताओं का प्रबंध करने हेतु कैटलिस्ट के रूप में कार्य किया जा रहा है । वर्षों से पत्तन ने संचालन का स्तर प्रारंभ अवधि दौरान एक लाख टन से कम यातायात से 2013-14 के दौरान 39.40 मि टन संचालन करके बढ़ाया गया है।
पत्तन द्वारा लोह अयस्क सार व गुटिकाएँ, लोह अयस्क फाइन्स, पीओएल उत्पादनों, ग्रनाइट पत्थर, कंटैनरीकृत माल आदि महा पण्यों निर्यातित हैं । पत्तन के महा आयात जैसे कच्च व पीओएल उत्पादन, एलपीजी, कोयला, लाइमस्टोन, लकड़ी के लट्टे, परिष्कृत उर्वरक, तरल अमोनिया, फॉस्परिक एसिड, अन्य तरल रासायनिक, कंटैनरीकृत माल आदि है ।
न म प न्यास अध्यक्षों
अध्यक्ष | अवधि |
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ई एस राजबथर | 01-04-1980 - 17-10-1985 |
बी महापात्रा, भाप्रसे | 07-09-1987 - 07-09-1992 |
ए एन एम किशोर | 17-06-1993 - 31-01-1997 |
कप्तान आर रामकुमार | 15-04-1997 - 30-04-2001 |
एन धनराजु | 25-07-2001 - 31-10-2003 |
डा. पी तमिलवाणन | 10-12-2004 - 31-12-2013 |
पी सी परीडा | 15-03-2014 - 31-07-2017 |
डॉ ए वी रमण | 11-06-2019 - |